Search Engine Ranking Factors [2021]

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दोस्तों आज के इस ब्लॉग मे हम जानने वाले है की Search Engine Ranking Factors कौन कौन से है और इसपर कैसे ध्यान देकर अपना ब्लॉग को रैंक कर सकते है? तो इसके लिए आप आज के इस ब्लॉग को शुरू से लेकर अंत तक पढे जिससे की आपका ब्लॉग सही से और जल्दी रैंक करे। 

ब्लॉगिंग करना सभी लोग चाहते है लेकिन उसके लिए आपको सही से रैंकिंग के बारे मे जानना होता है जिसके कारण आप अपना ब्लॉग को जल्दी से जल्दी रैंक करना चाहते है और आपका अपना ब्लॉग मे ट्राफिक लाना चाहते है, तो इसके लिए आप आज के ब्लॉग को ध्यान से पढे। 
तो चलिए अब बिना समय गवाए जानते है की Search Engine Ranking Factors 

Search Engine Ranking Factors 

अपना ब्लॉग के लिए क्वालिटी कॉन्टेट लिखे 

इसका मतलब ये है की आप अपना ब्लॉग मे सही से और बढ़िया तरीका से कंटेन्ट डालिए जिसमे की कॉपी कंटेन्ट नहीं हो और आपका ब्लॉग एकदम आपके हाथों से लिखा हुआ हो जिसमे की आपका ब्लॉग का सही से कंटेन्ट मिलेगा और आपका ब्लॉग सही से काम करेगा। 
अगर आपको टॉपिक नहीं मिल रहा है तो आप इंटरनेट पर कम्पेटिटर के वेबसाईट को देख सकते है जिससे की आपको अपना ब्लॉग के Idea मिल जाएगा और आपका ब्लॉग उस चीज को कवर कर सकते है और अगर नहीं मिले तो उसके लिए आप उस ब्लॉग को पढ़ सकते है। 
और पढ़ने के 7 से 8 घंटा के बाद आप उस टॉपिक पर ब्लॉग लिखे क्योंकि अगर तुरंत लिखेंगे तो आपका कंटेन्ट आपका कम्पेटिटर के ब्लॉग से मैच करेगा और इसके कारण आपका ब्लॉग को कॉपी ब्लॉग कहा जाएगा, इसलिए आप इस चीज का ध्यान जरूर दे। 

अपना ब्लॉग का कंटेन्ट लंबा रखे 

आप जो टॉपिक मे ब्लॉग लिखना चाहते है उसको पहले आप इंटरनेट मे सर्च करे और उसके बाद आप 2 3 वेबसाईट मे जाए और वहाँ देखे की आपका कम्पेटिटर कितना वर्ड के ब्लॉग लिखा हुआ है और उसके बाद आप उसके ब्लॉग से थोड़ा ज्यादा वर्ड का ब्लॉग लिखे। 
जिससे की आपका ब्लॉग मे ज्यादा से ज्यादा ट्राफिक आए क्योंकि इसके बिना किसी तरह के कोई काम नहीं होने वाला है, तो सबसे पहले इस बात का ध्यान रखना है की आपका ब्लॉग सही से काम कर रहा है की नहीं और कर रहा है तो कितना सही से काम कर रहा है। 
कंटेन्ट का लेंगथ आप हमेशा सही रखे जिससे की आपको किसी तरह के कोई दिक्कत न हो और आपका ब्लॉग सही से रैंक कर सके, क्योंकि इसके बिना आपका काम नहीं चलने वाला है और नहीं चलता है कभी, तो इस बात का आप हमेशा ध्यान रखे। 
 
अगर आप ज्यादा कंटेन्ट का लेंगथ रखेंगे तो इससे फायदा ये होगा की सर्च इंजन को लगेगा की इसके ब्लॉग मे ज्यादा से ज्यादा ज्ञान को शेयर किया गया है और उसके बाद आपका ब्लॉग जल्दी से रैंक करता है। 

अपना ब्लॉग के लिए बढ़िया से कीवर्ड रिसर्च करे 

आप जब ब्लॉग लिखे तो उससे पहले आप ये जरूर ध्यान मे रखे की आप सही तरह से ब्लॉग के लिए कीवर्ड निकाल लिए है और इसके बाद आप अपना ब्लॉग को सही से रैंक कर सकते है और अगर आप ब्लॉगिंग शुरू कर रहे है तो उसके लिए आपको Low काम्पिटिशन वाले कीवर्ड को टारगेट करे जिससे की आपका ब्लॉग जल्दी से रैंक कर सके। 
जैसे की आपको वैसे कीवर्ड को टारगेट करना है जिसका सर्च वॉल्यूम ज्यादा है और उस कीवर्ड का काम्पिटिशन एकदम कम हो और उस कीवर्ड का सीपीसी एकदम ज्यादा हो, जिससे की आपका कमाई भी हो सके और आपका ब्लॉग सही से रैंक कर सके। 

अपना ब्लॉग का कीवर्ड डेन्सिटी सही रखे 

इसका मतलब ये है की आप अपना ब्लॉग कितना वर्ड के लिख रहे है उसका 1 से 2  % का कीवर्ड डेन्सिटी रखना होता है जिससे की सर्च इंजन के क्रॉलर को लग सके की आपका ब्लॉग किस चीज के बारे मे है या किस टॉपिक के बारे मे है? 
अगर आप 1000 वर्ड के आर्टिकल लिख रहे है तो उसमे आप अपना कीवर्ड को 10 से 20 बार उपयोग कर सकते है। और ऐसे मे अगर आप LSI कीवर्ड पर काम करना चाहते है तो आप उसके लिए 0.5 % मेन फोकस कीवर्ड को रखे और 0.5% LSI कीवर्ड के लिए रखे। 
और ऐसे मे सर्च इंजन के क्रॉलर को पता चल जाएगा की ये ब्लॉग किस बारे मे लिखा गया है और उसको उस कीवर्ड पर रैंकिंग करने के लिए बोलेगा। तो ऐसे मे आप इसको सही से काम मे ले सकते है। 

हमेशा लॉंग टेल कीवर्ड का उपयोग करे 

अभी के समय मे शॉर्ट तेल कीवर्ड और मिड तेल कीवर्ड मे काम्पिटिशन बढ़ रहा है इसलिए आपको अगर सक्सेस करना है तो आप लॉंग तेल कीवर्ड पर काम करे जिससे की आपको Low काम्पिटिशन कीवर्ड रहेगा और आपका ब्लॉग जल्दी से रैंक करेगा। 
तो इस बात का आप ध्यान रखे की अभी अगर आप नए ब्लॉगर है तो आप सबसे पहले Long-Tail Keywords पर काम करे और उसके बाद अगर किसी तरह के कीवर्ड आए तो उसपर काम करे। 

टाइटल को कीवर्ड से शुरू करें

इसका मतलब ये है की जब आप टाइटल बनाए तो उसमे आप सबसे पहले मे अपना फोकस कीवर्ड को लिखे जिससे की अगर लोग आपके फोकस कीवर्ड को सर्च करेंगे तो वहाँ पर आपका ब्लॉग रैंक करेगा और जब रैंक करेगा तो उसको सामने मे वही कीवर्ड दिखेगा जो की वो सर्च किया है तो ऐसे मे आपका ब्लॉग पर लोग जल्दी क्लिक करेंगे। 
जैसे की आप खुद सोच सकते है की जब हम इंटरनेट मे कुछ सर्च करते है तो उस समय हमारे पास यही होता है की हम सबसे पहले टाइटल को देखते है और उसके बाद सोचते है की इस ब्लॉग मे जाना है या नहीं और उसके बाद हम उसपर क्लिक करते है। 
तो ऐसे मे आप इस चीज का हमेशा ख्याल रखे की आप सबसे पहले आपको टारगेट और फोकस कीवर्ड को वहाँ पर डालना है और उसके बाद आप वहाँ से जब आपका ब्लॉग रैंक करने लगेगा तो लोग आपके ब्लॉग पर आसानी से क्लिक करेंगे। 

आपका थीम मोबाईल फ़्रेंडली होना चाहिए 

इसका मतलब ये है की आपका ब्लॉग मोबाईल मे आसानी से खुल जाना चाहिए क्योंकी आजकल सबसे ज्यादा लोग मोबाईल से ही सर्च कर रहे है और मोबाईल मे ही इंटरनेट को चला रहा है, तो ऐसे मे अगर आपका ब्लॉग मोबाईल मे नहीं खुलेगा तो आपका ब्लॉग सही से काम नहीं करेगा। 
और मोबाईल वाले लोग भाग जाएंगे और आपका ब्लॉग सही से रैंक नहीं कर पाएगा तो अगर आप अपना ब्लॉग को रैंक करनया चाहते है तो आपको सबसे पहले मोबाईल को Mobile Friendliness बनाना होगा जिससे की लोग आपके मोबाईल से भी ब्लॉग मे आ सके। 

अपना ब्लॉग का लोडिंग स्पीड पर ध्यान दे 

इसका मतलब ये है की अगर कोई आपका वेबसाईट पर क्लिक किया है और वो सही से नहीं खूल रहा है तो उसमे आपका ब्लॉग सही से काम नहीं करेगा और रैंक नहीं कर सकता है क्योंकि अगर आपका ब्लॉग सही से और जल्दी नहीं खुलेगा तो लोग आपके ब्लॉग से किसी और ब्लॉग मे मूव कर जाएंगे। 
और सर्च इंजन को लगेगा की आखिर क्यों लोग इसके ब्लॉग से भाग रहे है और किसी और के ब्लॉग मे जा रहे है और इसके कारण आपका ब्लॉग सही से रैंक नहीं कर पाता है क्योंकि आपका ब्लॉग का बाउन्स रेट बढ़ जाता है। तो इस बात का अप ख्याल रखे की आपका ब्लॉग का लोडिंग स्पीड सही हो। 

अपना ब्लॉग का यूआरएल एसईओ फ़्रेंडली होना चाहिए 

इसको हम यूआरएल भी कहते है और इसको अप अपना ब्लॉग के लिए सही से इस्तेमाल कर सकते है क्योंकि आपको आपका ब्लॉग मे सही से अगर यूआरएल रहेगा तो लोगों को यूआरएल से ही पता चाल जाएगा की आपका ब्लॉग किस बारे मे है?
तो ऐसे मे अगर आप सही से यूआरएल रखते है तो सर्च इंजन के क्रॉलर भी आपका ब्लॉग को सही से क्रॉल करेंगे और वो सही से समझ पाएंगे की आपका ब्लॉग किस चीज से रिलेटेड है और उसके बाद आपका ब्लॉग को वो रैंक करने मे मदद करेगा। 

इन्टर्नल लिंकिंग और इक्स्टर्नल लिंकिंग सही से करे 

ये भी एक बहुत बड़ा रोल प्ले करता है क्योंकि इसके मदद से आप अपना दूसरा आर्टिकल को लिंक कर सकते है और साथ ही दूसरे के आर्टिकल को भी आप लिंक कर सकते है, जैसे की अगर आप अपना ही ब्लॉग को लिंक करोगे तो उसको इन्टर्नल लिंकिंग कहते है। 
और अगर वही अगर दूसरे के वेबसाईट या ब्लॉग को अपने ब्लॉग मे लिंक करते है तो उसको इक्स्टर्नल लिंकिंग कहते है, तो अगर आप इंटरनल लिंकिंग करते है तो इसका फायदा ये है की आप अपना ब्लॉग से लोगों को अपने ब्लॉग के ही पेज मे घुमाया सकते है। 
और अगर वही पर अगर आप एक्सटर्नल लिंकिंग कर रहे है तो इसका मतलब ये है की आपका दूसरे वेबसाईट से कनेक्शन है ये आप शो कर सकते है तो ऐसे मे आपका ब्लॉग को अथॉरिटी मिल सकता है और ब्लॉग सही मे रैंक करता है। 
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Conclusions Of Search Engine Ranking Factors 
दोस्तों आशा करता हूँ की आपको आज का ब्लॉग पसंद आया होगा जो की Search Engine Ranking Factors  से रिलेटेड था और अगर किसी तरह के मन मे डाउट हो तो नीचे कमेन्ट जरूर करे जिससे की आपका सवाल का जवाब जल्दी से आपको मिल सके। 
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