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दोस्तों आज के इस ब्लॉग मे हम जानेंगे की बाउन्स रेट क्या है? और बाउन्स रेट कम कैसे करे? ( Bounce Rate Kam Kaise Kare? ) ताकि आपका ब्लॉग जल्दी से जल्दी सर्च इंजन मे रैंक करे। और ये एक SEO मे सबसे बड़ा फैक्ट है।
ब्लॉगिंग तो सब शुरू कर सकते है लेकीन उसमे कुछ कुछ चीज ऐसा है जिसको की बढ़िया से उपयोग करना होता है और उसके बदले मे आपका वेबसाईट रैंक करेगा और सर्च इंजन से आपका ऑर्गैनिक ट्राफिक आता रहे। तो ये भी होना बहुत जरूरी है।
तो चलिए अब जानते है की बाउन्स रेट क्या है?
बाउन्स रेट क्या है?
बाउन्स रेट एक प्रकार का Percentage जिसके मदद से हमलोग जानते है की लोग हमारे वेबसाईट मे आ रहे है तो कितना देर रुक रहे है और अगर वो ज्यादा देर रुके रहते है तो आपका ब्लॉग का बाउन्स रेट घट जाता है और वही अगर वो तुरंत भाग जाते है तो आपका ब्लॉग का बाउन्स रेट बढ़ जाता है।
और अगर आपका वेबसाईट का बाउन्स रेट बढ़ जाता है तो इसका मतलब ये है की आपका कंटेन्ट मे दम नहीं है और उसको बढ़िया से लिखना पड़ेगा या फिर आप अपने ब्लॉग मे इमेज का उपयोग नहीं कीये होंगे या फिर आप अपना ब्लॉग मे विडिओ का उपयोग नही कीये होंगे।
लोगों को अपने वेबसाईट मे ज्यादा से ज्यादा देर तक रुकने के लिए आपके पास आर्टिकल कैसे लिखा जाता है उसके बारे मे बढ़िया से बढ़िया ज्ञान हो ताकि आप अट्रैक्टिव आर्टिकल लिख सके और लोग आपके ब्लॉग मे ज्यादा से ज्यादा समय बिताए।
अब अभी जान गये की बाउन्स रेट क्या है? और अब चलिए जानते है की Bounce Rate Kam Kaise Kare?
Bounce Rate Kam Kaise Kare?
आप अपना वेबसाईट का बाउन्स रेट कम करने के लिए आपको निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना है-
अपनी कंटेंट की Quality में सुधार करें
इसका मतलब ये है की अगर आपका कंटेन्ट का क्वालिटी सही रहेगा तो आपका सब काम सही से होगा क्योंकि हम सब जानते है की ब्लॉगिंग मे सिर्फ और सिर्फ कंटेन्ट ही मैटर करता है और उसके अकॉर्डिंग ही सब काम होता है, और ऐसे भी एक चीज सबसे ज्यादा पोपुलर है की कंटेन्ट इज किंग।
तो आपका कंटेन्ट का क्वालिटी मे सुधार का मतलब ये है की आपका कंटेन्ट मे सभी चीज प्रापर से उपयोग किया गया हो और आपका समझाने का तरीका सही हो और आप कंटेन्ट को कहीं से कॉपी कीये हुए नहीं हो तो ऐसे मे आपको आसानी से बाउन्स रेट कम हो जाएग।
और एक चीज की जब भी आप कंटेन्ट लिखने बैठे तो आप बस दिमाग मे एक चीज रखे की आप ये ब्लॉग किसी छोटे बच्चे के लिए लिख रहे है, जिससे होगा ये की आप सिम्पल सिम्पल वर्ड मे अपना ब्लॉग बनाएंगे और उसके बाद आपका वहाँ से काम हो जाएगा।
अपनी वेबसाइट को फ़ास्ट करें
इसका मतलब ये है की आपका वेबसाईट पर अगर कोई क्लिक करता है तो आपका ब्लॉग जल्दी से खुल जाए क्योंकि यूजर के पास उतना समय नहीं होता है की वो कुछ समय तक आपका ब्लॉग को खुलने का इंटेजर करता रहे।
तो इसलिए आप अपना ब्लॉग या वेबसाईट को फास्ट बनाए ताकि जैसे ही कोई आपके वेबसाईट मे क्लिक करे तो उसके सामने आपका वेबसाईट एकदम सन से खुलकर उसके सामने आ जाए और वो आपका ब्लॉग पढ़ने लगे, क्योंकि जब यूजर कुछ सर्च करता है और आपका वेबसाईट नहीं खुलता है तो वो आपके वेबसाईट से लौट कर किसी और के वेबसाईट मे चले जाता है।
जिससे सर्च इंजन को लगता है की आपका ब्लॉग मे जरूर कुछ ऐसा बात है की यूजर आते ही तुरंत भाग जाता है, जिसके कारण आपका ब्लॉग को वो रैंक नहीं कर पता है, तो अगर आप रैंकिंग चाहते है तो इस बात का जरूर ध्या रखे।
External Links को New Tabs/Windows में Open करें
इसका मतलब ये है की जब आप किसी के वेबसाईट को अपने वेबसाईट से लिंक करे तो उस वेबसाईट को हमेशा खुलने के लिए न्यू टैब का उपयोग हो उसका सेटिंग कर दे जिससे की जब भी कोई उसपर क्लिक करेगा तो वो नए टैब मे खुलेगा और आपका वेबसाईट भी खुला रहेगा।
तो ये बढ़िया तरीका है जहां से आप अपना वेबसाईट को खुले हुए ही दुसरे वेबसाईट पर भेज देना जिससे की दुसरे वेबसाईट को पढ़ते वक्त आपका वेबसाईट भी वहाँ पर खुला रहे और आपका वेबसाईट पर भी टाइम को स्पेन्ड करे और आपका बाउन्स रेट कम हो जाए।
Internal Link करें
Internal लिंकिंग करने से ये होता है की आपका ऑडियंस आपके ही वेबसाईट के आर्टिकल को पढ़ने मे समय लगाता है और एक पेज से दुसरे पेज मे जाकर वहाँ से अपना पढ़ाई करता है और यही कारण है की लोग अपना पेज को दुसरे पेज से कनेक्ट करते है।
जिससे की जो यूजर आया है और उसको दुसरए वेबसाईट के बारे मे जानना ही तो वो आसानी से दूसरे ब्लॉग पर जाकर वहाँ से सारे कंटेन्ट को पढ़ ले और पढ़ने के कारण वो आपका वेबसाईट मे ज्यादा समय बिताएगा और जब समय ज्यादा बिताएगा तो आपका वेबसाईट का बाउन्स रेट कम हो जाएगा।
इसलिए आप जब भी ब्लॉग लिखे तो अपने कंटेन्ट के रिलेटेड कंटेन्ट को आप अपने आर्टिकल मे इन्टर्नल लिंकिंग कर दे जिससे की जो आदमी को आपके इस ब्लॉग मे इन्टरिस्ट होगा वो दुसरे मे भी इन्टरिस्ट रखेगा और अपना नालिज को आगे बढ़ाएग।
अपनी साइट को Responsive बनाएं
इसका मतलब ये है की आप अपना वेबसाईट को Responsive बनाए जिससे की वो मोबाईल मे भी बढ़िया से खुल जाए और टैबलेट मे बढ़िया से खुल जाए और वही लैपटॉप और कंप्युटर मे भी बढ़िया से खुल जाए और थोड़ा फास्ट खुले।
तो जैसा की अभी हम जानते है की आजकल सबसे ज्यादा इंटरनेट लोग मोबाईल मे चलते है और वो सर्च भी उसी से करेंगे तो अगर वो किसी चीज को सर्च करे और आपका वेबसाईट वहाँ पर शो हो रहा हो और जब लोग आपके वेबसाईट पर क्लिक करे तो उनको किसी दुसरे तरह के थीम मिले ।
तो कैसा लगेगा? वो तुरंत उस वेबसाईट से भाग जाएगा की जब वेबसाईट ही बढ़िया से डिजाइन नहीं किया हुआ है तो कंटेन्ट क्या बढ़िया रहेगा और इसके कारण वो ब्लॉग से भाग जाएंगे, तो इसलिए आपको हमेशा ध्यान मे रखना है की आपको ऐसा थीम का उपयोग करना है जो की सभी चीज मे आसानई से काम करे।
आर्टिकल के लिए Images का उपयोग करें
जैसा की हम सब जानते है की आजकल इमेज और इन्फोग्राफिक्स का जमाना है जहां पर आपको हर चीज इमेज बताता है तो अगर आप अपना ब्लॉग मे अपने आर्टिकल और ब्लॉग से रिलेटेड इमेज का उपयोग करेंगे तो वो सबसे ज्यादा काम करने वाला रहेगा।
क्योंकि लोग आर्टिकल पढ़ पढ़ के बोर हो जाते है तो उस समय अगर बढ़िया से बढ़िया इमेज उनके सामने रहेंगे तो उनका थोड़ा मन लगता रहेगा और वो अच्छे से ब्लॉग को इन्जॉय करते हुए पढ़ेंगे जिससे की वो ज़्यादा से ज्यादा समय आपके ब्लॉग मे बिताएंगे और इस कदर आपका ब्लॉग जल्दी से रैंक भी करेगा और आपका ब्लॉग का बाउन्स रेट कम भी होगा।
कंटेंट के लिए “Table of Contents” बनाये
अभी बहुत सारे लोग ये नहीं जान रहे होंगे की आखिर मे टेबल ऑफ कंटेन्ट क्या होता है? तो टेबल ऑफ कंटेन्ट उसको कहते है की जहां पर आपके ब्लॉग मे जो जो टॉपिक कवर किया गया है उसका एक जगह पर लिस्ट दिखाना और जैसे ही लोग किसी टोपीक पर क्लिक करते है तो वो सीधे उस टॉपिक पास चले जाते है।
जैसे की आप किताब मे देखते होंगे की 1 2 पेज के बाद वाले पेज मे लिखा हुआ होता है की ये टॉपिक या ये चैप्टर आपको इस पेज नंबर मे मिलेगा वैसे ही आपका ब्लॉग मे टेबल ऑफ कंटेन्ट ऐसे काम करते है और आपका ब्लॉग इसके चलते भी रैंक करता है।
क्योंकि यूजर को जो चाहिए वो उनको सीधे तरह से मिल जाता है और उसपर क्लिक करके वो उस टॉपिक को पढ़ लेटे है। तो इस प्रकार टेबल ऑफ कंटेन्ट काम करता है।
अपनी साइट पर Ads Carefully दिखाए
कभी कभी ऐसा होता है की लोग ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर मे ज्यादा Ads को अपने वेबसाईट मे लगा देते है जिससे की जब यूजर आता है तो वो परेशान हो जाता है Ads देख देख के और अंत मे वो छोड़ कर भाग जाता है आपके ब्लॉग को।
तो इस बात का हमेशा ध्यान रखे की आप अपना ब्लॉग मे थोड़ा बहुत ही Ads का उपयोग करे जिससे की आपका ब्लॉग मे लोग आए तो ठहरे और दूसरा ये फायदा होगा की आपका साइट सही से काम करेगा और जल्दी जल्दी काम करेगा। तो इसलिए आप इस चीज का खास ख्याल रख सकते है।
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Conclusions Of Bounce Rate Kam Kaise Kare?
दोस्तों आशा करता हूँ की आपको पता चाल गया होगा की Bounce Rate Kam Kaise Kare? और अगर इससे रिलेटेड किसी तरह के कोई मन मे डाउट हो तो नीचे कमेन्ट जरूर करे, जिससे की जल्दी से रिप्लाइ कर सके और आप सही जवाब जल्दी पा सके।
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